Meerut: भले ही सरकार ने ज्यादातर अनुष्ठानों पर धार्मिक आयोजनों के लिए छूट दे दी है, लेकिन covid-19 अभी खत्म नहीं हुआ है। इसी को ध्यान में रखते हुए नवरात्रों के वृत पर इसका साफ असर देखने को मिलेगा। इस बार नवरात्र में देवी की अराधना और भक्ति का स्वरूप पूरी तरह बदला-बदला सा होगा।DM के निर्देशानुसार शहर हो या गांव कहीं भी सार्वजनिक स्थानों पर मूर्ती रखी दिखाई नहीं देंगी साथ ही किसी प्रकार के आयोजन पर भी पूरी तरह से रोक रहेगी।शासनादेश के अनुसार तय साइज के पंडाल सड़क से हट कर लगाने की छूट होगी। पूजा- अर्चना भी सोशल डिस्टेसिंग का पूरा ध्यान रखकर कराई जाएगी।
क्या है शासनादेश
शासनादेश के मुताबिक 15 बाई 15 का टेंट सड़क से हटकर लगाया जा सकता है। खुली जगह पर एक समय में अधिकतम 100 से अधिक लोग इकटठा नहीं हो सकेंगे। कैंपस या बंद परिसर में अधिकतम 200 लोग रह सकेंगे। पांच फीट की ऊंची तथा पांच फीट तक की चौड़ी दुर्गा प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए छोटी गाड़ी यानी टाटा मैजिक का इस्तेमाल किया जा सकेगा। मूर्ति विसर्जन में अधिकतम 10 लोग शामिल होंगे। न डीजे बजेंगे, न अबीर गुलाल उडेंगे। नाच-गाना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
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पूजा- अर्चना के नियम
DM के मुताबिक मंदिर समितियों को पंडाल में प्रवेश और निकास की व्यवस्था अलग-अलग करना होगा। मंदिर के चारों ओर से खुला नहीं होना चाहिए। प्रवेश द्वार पर स्कैनर से जांच करके ही अंदर जाने की छूट दी जाए। इसके साथ ही किसी बीमार व्यक्ति को प्रवेश न दिया जाए। समितियों को पंडाल में भीड़ नियंत्रित करने को वालंटियर रखना होगा। वालंटियर नेम प्लेट लगाकर ही सेवा देंगे। पंडाल में लाउडस्पीकर पर भजन संगीत के अलावा कोरोना से बचाव हेतु प्रसारण भी किया जाएगा। सार्वजनिक रूप से भोज आदि का कोई आयोजन प्रतिबंधित है। प्रसाद का वितरण पैकेट में किया जाएगा। कन्या भोजन केवल नौ लोगों से अधिक न कराएं। जिलाधिकारी ने साफ शब्दों में कहा है कि नियम का उलंघन करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।