लखनऊ। योगी सरकार (Yogi Government) ने बिजली विभाग (UPPCL) के निजीकरण (Privatization) का फैसला फिलहाल तीन महीने के लिए टाल दिया है। इस निर्णय के बाद बिजलीकर्मियों ने मंगलवार को अपनी हड़ताल भी समाप्त (Strike End) कर दी है। सरकार की ओर से विभागीय लोगों को आश्वास्त किया गया है कि इन तीन महीनों में कोई न कोई समाधान निकाल लिया जाएगा। इससे पहले दो दिन से चले आ रहे कार्य बहिष्कार से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। हड़ताल वापसी से प्रदेश के लोगों ने राहत की सांस ली है।
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मंगलवार को प्रदेश सरकार और बिजली कर्मचारी संयुक्त परिषद के बीच पांच बिंदुओं पर सहमति बनी है। तय हुआ है कि फिलहाल बिजली विभाग का निजीकरण नहीं होगा। यदि कभी निजीकरण हुआ तो पहले बिजली विभाग के इंजीनियरों और कर्मचारियों की सहमति ली जाएगी। इसके अलावा अगले 15 जनवरी 2021 तक लगातार समीक्षा होगी। इसके साथ ही विभाग में भ्रष्टाचार खत्म करने, राजस्व वसूली बढ़ाने और बिलिंग सिस्टम को दुरुस्त करने में भी बिजली कर्मचारी संयुक्त परिषद अपनी भूमिका निभाएगा। इस बिंदुओं पर सहमति बनने के बाद बिजली कर्मचारी संयुक्त परिषद ने हड़ताल खत्म की घोषणा की। इसके बाद सभी कर्मचारी काम पर लौट गए।
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निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों द्वारा कार्य बहिष्कार का मंगलवार को दूसरा दिन था। बिजली कर्मचारियों ने सरकार को अनिश्चितकालीन हड़ताल और जेल भरो आंदोलन की चेतावनी भी दी थी। बताया जा रहा है कि सोमवार को ही ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की ओर से समझौते का प्रस्ताव रखा गया था लेकिन यूपीपीसीएल के चेयरमैन ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर इनकार कर दिया था। कर्मचारियों की दो दिन चली हड़ताल से आम जनता की मुश्किलें बढ़ती जा रही थीं। सरकार ने इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए निजीकरण का फैसला टाल दिया।