लखनऊ। अब पढ़ाई बीच में छोड़ देने वाले छात्र-छात्राओं की मुसीबत आने जा रही है। शासन ने छात्रवृत्ति को लेकर कड़े नियम कर दिए हैं। अब छात्रवृत्ति पाने के उद्देश्य से एडमिशन लेने वालों को पूरे साल पढ़ाई करनी होगी, अगर वे बीच में पढ़ाई छोड़ते हैं तो उन्हें पिछले साल दी गई छात्रवृत्ति की धनराशि वापस समाज कल्याण विभाग को देनी होगी। इस संबंध में यूपी के सभी जनपदों के समाज कल्याण विभाग को निर्देश जारी किए गए हैं।
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समाज कल्याण के निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी ने वर्ष में 2020-21 के लिए यूपी के सभी जनपदों में इस संबंध में निर्देश भेजे हैं। साथ ही कहा गया है कि इस नियम को कड़ाई से लागू कराया जाए। नए संशोधनों में छात्रवृत्ति पाने वाले छात्रों के आधार नंबर भी अनिवार्य किए गए हैं। ऑनलाइन आवेदन पत्र में छात्रों द्वारा भरे गए आधार नंबर का सत्यापन होने के बाद ही आवेदन पत्र को बढ़ाया जाएगा। छात्रों के हाईस्कूल अंकपत्र में दिये गए नाम, पिता का नाम व जन्म तिथि के आधार पर ही आधार कार्ड बनवाया जाएगा।
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यदि आधार कार्ड में छात्र का नाम, जन्म तिथि या आधार नंबर मिसमैच होगा तो आधार नंबर सत्यापन न होने के कारण आवेदन पत्र आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। इसके लिए शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिये गए हैं कि जिन छात्रों के आधार कार्ड नहीं है, उन्हें युद्ध स्तर पर बनवा लिया जाए। यह भी व्यवस्था की गई है कि जिला समाज कल्याण अधिकारी के साथ छात्रवृत्ति का कार्य देख रहे पटल सहायक के डिजिटल सिग्नेचर से संयुक्त रूप से मास्टर डाटा व अन्य डाटा को लॉक किया जाएगा।