लखनऊ। अयोध्या में 1992 में हुए बाबरी ढांचा विध्वंस मामले में न्यायाधीश एस के यादव की विशेष सीबीआई अदालत 30 सितंबर को अपना फैसला सुनाएगी। फैसले के दिन कोर्ट ने मामले के सभी आरोपियों को कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया है। ढांचा विध्वंस मामले में सभी 32 आरोपियों ने अपने बयान दर्ज कराए हैं। 31 अगस्त तक मामले की सुनवाई पूरी हुई। अब 30 सितंबर को फैसला सुनाया जाएगा।
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विध्वंस केस में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, डा. मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, साध्वी ऋतंबरा, पूर्व राज्यसभा सांसद विनय कटियार समेत कई जाने पहचाने लोग आरोपी हैं। इन सभी ने अपने बयान दर्ज करवाए हैं। कोर्ट से बाहर इन्होंने यही बयान दिया था कि उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया। अपना बयान दर्ज करवाने आए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने भी कहा था कि उन्हें जानबूझकर राजनीतिक कारणों से फंसाया गया है।
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विदित है कि 1989 में विश्व हिन्दू परिषद ने अयोध्या में विवादित स्थल के पास राम मंदिर शिलान्यास किया था। इसके बाद भाजपा और हिंदू संगठनों में खुशी की लहर दौड गई थी। इस उत्साह को देखते हुए सितंबर 1990 में भाजपा नेता अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने श्रीराम रथयात्रा शुरू की थी। इसका मकसद देश में लोगों को अयोध्या के बारे में जागरूक करना और जोड़ना था। इस रथ यात्रा को लोगों का जबरदस्त साथ मिला। इसके बाद राम मंदिर निर्माण के लिए पूरे देश में उठी लहर में दो वर्ष बाद 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा गिरा दिया गया।