मेरठ। ‘नई शिक्षा नीति के माध्यम से देश आत्मनिर्भर बनेगा, क्योंकि इसमें आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए अनेक विषय दिए गए है। यह रोजगार के लिए वरदान साबित होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में कुल 27 प्वाइंट्स रखे गए हैं, जिनमें से 10 प्राथमिक शिक्षा, 10 प्वाइंट उच्च शिक्षा और 7 प्वाइंट अन्य शिक्षा के लिए शामिल हैं। शिक्षा नीति बड़ा व सकारात्मक बदलाव की पृष्ठभूमि तैयार करेगी, जिससे आने वाली पीढ़ी को अनेकों फायदे पहुंचेंगे।’ यह बात राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर मंगलवार को आयोजित वेबिनार में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो. बीरपाल सिंह ने कही।
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विशिष्ठ अतिथि रघुहरि डालमिया ने बताया कि किस प्रकार भाषा देश को महान बनाने का कार्य करती है, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी भाषा को बहुत महत्व दिया गया है। 5वीं कक्षा तक सभी को अपनी भाषा में ही शिक्षित किया जाएगा। साथ ही संस्कृत, प्राकृत, पाली इत्यादि को भी प्रचार-प्रसार करने के लिए इन भाषाओँ के महाविद्यालय बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया की शिक्षा केवल खुद को समर्पित न होकर देश को समर्पित होनी चाहिए। डा. उपदेश वर्मा ने कहा कि शिक्षा नीति छात्रों को भविष्य बनाने में लाभकारी होगी।
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संस्था नींव ने कोरोना जैसी महामारी में अनेकों जरुरतमंदों की सहायता की व शिक्षा के क्षेत्र मे भी विशेष कार्य करती रही है। उन्होंने बताया कि आईआईटी के पुरातन छात्र-छात्राओं द्वारा संचालित सामाजिक व शैक्षणिक संस्था है। वेबिनार में विशिष्ट अथिति मेरठ दक्षिण विधायक डा. सोमेंद्र रहे। वेबिनार का संयोजन डा. अनुप्रिता शर्मा व डा. गीतांजलि कौशिक ने संयुक्त रूप से किया। वेबिनार को यू ट्यूब पर भी स्ट्रीम किया गया। इसमें लोगों ने वक्ताों से सवाल भी किए। वेबिनार मे 2500 से अधिक लोगों ने ऑनलाइन भाग लिया। वेबिनार के अंत मे नींव संस्था के अध्यक्ष एडवोकेट हरिदत्त वर्मा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर राजन वार्ष्णेय, प्रो. अनिल कुमार मलिक, डा. विजय कुमार तिवारी, दुर्गेश, प्रशान्त, कौशल इत्यादि ने आयोजन को लेकर सभी का धन्यवाद किया।