मेरठ। बिजली विभाग में सालों से प्राइवेट कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे कंप्यूटर ऑपरेटरों के वेतन में बढ़ोतरी की मांग की गई। विद्युत संविदा निविदा कर्मचारी संघर्ष समिति ने इसके लिए पश्चिम विद्युत वितरण निगम ( PVVNL ) के MD को पत्र लिखकर संज्ञान लेने की मांग की है। PVVNL MD को भेजे गए पत्र में लिखा गया कि मेरठ क्षेत्र मेरठ के उपखण्ड, खण्ड और मण्डल स्तरों पर बाहय एजेंसियों के माध्यम से कंप्यूटर ऑपरेटर रखे गए हैं, जो सालों से एक ही वेतन पर काम करते आ रहे हैं।
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विभाग को फायदा, कर्मचारियों को नुकसान
समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने पत्र के माध्यम से एमडी को बताया कि बिजली विभाग से कॉन्ट्रेक्ट लेने की होड़ में प्राइवेट एजेंसियां न्यूनतम दरों में ठेका उठाती हैं। विभाग को तो इसका फायदा होता है, लेकिन प्राइवेट कर्मचारियों के रूप में काम कर रहे कंप्यूटर ऑपरेटरों इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। भूपेंद्र ने बताया कि इसके साथ ही ये एजेंसियां कर्मचारियों के वेतन में नियमानुसार होने वाली 10 प्रतिशत की वृद्धि को भी रोके रखती हैं। यहां तक कि श्रम विभाग द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन के 12,425 रुपए में महंगाई भत्ता व EPF काटकर शेष 9 हजार का भुगतान भी महीनों तक लटकाए रखा जाता है, जिससे कर्मचारियों के घरों में चूल्हे ठंडे पड़ने तक की नौबत आ जाती है।
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वेतन 20 हजार रुपए प्रति माह करने की मांग
समिति के महामंत्री अमित खारी ने बताया कि कंप्यूटर ऑपरेटरों के शोषण का आलम यह है कि अवकाश के दिनों में भी इनको काम पर बुला लिया जाता है, जिसका इनको कोई अतिरिक्त वेतन भी नहीं दिया जाता। अमित खारी ने कहा कि गाजियाबाद, बुलंदशहर और नोएडा समेत कई जगहों पर इन ऑपरेटरों को 18 से 20 तक वेतन दिया जा रहा है, फिर मेरठ मण्डल में इनके साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है? समिति ने पत्र के माध्यम से एमडी से कंप्यूटर ऑपरेटरों का वेतन 20 हजार रुपए प्रति माह करने की मांग की है।