नई दिल्ली। प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत देश भर में करोड़ों लोगों के बैंक खाते खोले गए हैं. वास्तव में देश में बैंकिंग की सुविधा नहीं ले पाने वाले लोगों को जनधन खाते के माध्यम से सरकार ने यह सुविधा उपलब्ध कराने की पहल की है और इससे कई लोगों के जीवन में बहुत बड़ा सुधार देखा जा रहा है.
गाजियाबाद के लोनी में रहने वाली मीरा देवी का पूरा परिवार ही दिहाड़ी मजदूरी करता है. पहले उसे और उसके पति को रोजाना की मजदूरी के बाद 250-250 रुपये मिलते थे. पांच सौ रुपये की इस आमदनी में से घर का खर्च चलाने के बाद जो पैसे बचते थे, उसे घर में ही मौजूद एक गुल्लक में रख दिया जाता था. कभी उस गुल्लक से उसके छोटे बेटे पैसे निकाल लेते तो कभी मजबूरी में उससे निकले पैसे से घर का गुजरा चलता था.
साल 2016 में मीरा देवी और उसके पति का पीएम जन धन योजना में एक बैंक खाता खुला. उसके बाद उसे काम की जगह से सीधे बैंक खाते में पैसे जाने लगे. अब एक तरफ जहां गुल्लक की परेशानी खत्म हो गयी वहीं, कैश नहीं होने की वजह से उसके बेकार के खर्च बचने लगे. राशन की दूकान से भी डिजिटल पेमेंट के जरिये पैसे देकर सामान आने लगा. इसके बाद एक महीने तक काम करने के बाद घर के सभी खेच के बाद मीरा देवी के बैंक खाते में पांच हजार रुपये बचने लगे. बीच-बीच में काम नहीं मिलने, और कभी सिर्फ पीटीआई को काम मिलने उसके खाली रहने जैसी तमाम दिक्कतों के बाद भी साल के अंत में मीरा देवी के बैंक खाते में करीब 50,000 रुपये जमा हो गए.
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दो साल के बाद मीरा देवी ने अपने पति के ऊपर घर चलाने की जिम्मेदारी डालते हुए खुद अपने मोहल्ले में ही एक परचून की दुकान खोल ली. उसका सारा जोर डिजिटल तरीके से पेमेंट लेने और देने पर रहता. अब करीब तीन साल बाद मीरा देवी अपनी छोटी सी परचून की दुकान से घर में ही रहते हुए और बच्चों पर ध्यान देते हुए करीब 10,000 रुपये महीने की बचत करने में कामयाब हो रही है.अपनी जरूरतों के लिए किसी साहूकार से उधार लेने और उस पर महंगा ब्याज चुकाने के दुश्चक्र से मीरा देवी आजाद हो चुकी हैं और अब वह लोगों की मदद भी कर पा रही हैं. मीरा देवी ने कहा, “पीएम जन धन योजना के तहत खुला मेरा बैंक खाता वास्तव में मेरी तकदीर बदलने में बड़ी भूमिका निभा रहा है.”