meerut। Mphil में दाखिले को लेकर ccsu से जुड़े हजारों students संशय में हैं। क्योंकि नई शिक्षा नीति में mphil कोर्ष को बंद करने की बात कही गई थी। इस वर्ष mphil में दाखिलें होंगे कि नहीं। इसको लेकर students कोई फैसला नहीं ले पा रहे हैं। ccsu ने नई शिक्षा नीति के क्रम में अगले सत्र में एमफिल कोर्स को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं किया है. स्टूउेंट को डर है जब यह कोर्स बंद हो गया है और वे डिग्री पूरी करके निकलेंगे तो इसकी वैधता क्या होगी students के अनुसार नई शिक्षा नीति जारी हो चुकी है, ऐसे में प्रस्तावित बदलाव आगामी सत्र से लागू होने हैं।
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ccsu कैंपस एवं संबद्ध कॉलेजों में 22 कोर्स में एमफिल कोर्स में प्रवेश होने हैं। यूनिवर्सिटी ऑनलाइन आवेदन ले चुका है। 1258 students ने एमफिल में प्रवेश को आवेदन किया है. जिस वक्त यूनिवर्सिटी ने एमफिल में आवेदन लिए, उस वक्त नई शिक्षा नीति जारी नहीं हुई थी.आवेदन पूरे होने के बाद शिक्षा नीति आई और इस कोर्स को बंद करने का प्रस्ताव रखा गया.इससे स्टूडेंट असमंजस में हैं कि वे क्या करें?
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नहीं मिल रहा सटीक जवाब
students के मुताबिक केंद्र सरकार नीति जारी कर चुकी है, और राज्य सरकार ने इसे लागू करने को समिति भी बना दी है। स्टूडेंट के अनुसार जब एमफिल कोर्स बंद करने का प्रस्ताव है तो फिर नोटिफिकेशन के बाद इस कोर्स को करने का क्या फायदा । नोटिफिकेशन से पहले यानी सत्र 2019-20 तक प्रवेश ले चुके students तो इसके दायरे में नहीं आएंगे, लेकिन आगे के सत्र की क्या गारंटी है कैंपस के कुछ शिक्षक भी छात्रों की बात से सहमत है। शिक्षकों के अनुसार नोटिफिकेशन के बाद इस कोर्स में प्रवेश का कोई औचित्य नहीं बनता है। अब सीसीएसयू ने आवेदन ले लिए हैं तो एंट्रेंस हो सकता है लेकिन यह सवाल तो बना ही रहेगा कि नई शिक्षा नीति में एमफिल बंद करने के प्रस्ताव के बाद इसे क्यों कराया गया।
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कैंपस में एमफिल बंद होने का असर शिक्षकों के वर्कलोड पर पड़ेगा कई विभाग ऐसे हैं जहां एमफिल कोर्स बंद होने के बाद शिक्षकों के पास पढ़ाने के लिए पर्याप्त वर्कलोड नहीं बचेगा।अन्य कुछ विभागों में भी अभी कार्यरत शिक्षक मौजूदा कोर्स को पढ़ाने के लिए पर्याप्त होंगे.कैंपस से जुड़े शिक्षकों के अनुसार नई व्यवस्था के बाद सीसीएसयू को शिक्षकों के रिक्त पदों को भी भरने की जरुरत नहीं पड़ेगी।
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