नई दिल्लीः अमेरिका में चीन की कंपनियों के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप माइक्रो वीडियो प्लेटफार्म टिक टॉक को बैन करने के फैसले के बाद अब चीन की कॉमर्स कंपनी अलीबाबा.कॉम को बंद करने पर विचार कर रहे हैं.
वास्तव में अमेरिका में इस साल राष्ट्रपति चुनाव होने हैं. अमेरिका में चीन की कंपनियों के बढ़ते दखल की वजह से स्थानीय लोगों के पास विकल्प कम हो रहे हैं. वहां के उद्योगों की निर्माण क्षमता घट रही है और इसके साथ ही जॉब के मौके कम हो रहे हैं.अमेरिका और चीन की सियासी अदावत बढ़ने की वजह से अब राष्ट्रपति ट्रंप की नजर चीन की दिग्गज कंपनी अलीबाबा.कॉम पर है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वे अब इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या अलीबाबा को अमेरिका में कामकाज करने से रोका जाना चाहिए.?एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पूछा गया कि क्या वे दूसरी चीनी कंपनियों मसलन, अलीबाबा.कॉम आदि पर भी प्रतिबंध की तैयारी कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि हां हम इस पर विचार कर रहे हैं.
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अमेरिका और चीन के बीच चल रहे कारोबारी टकराव के बीच यूएस ने टिकटॉक चलाने वाली कंपनी बाइटडांस को 90 दिनों के अंदर अमेरिका से अपने कामकाज समेटने को कहा है. अमेरिका को वास्तव में इस बात पर भी पूरा भरोसा है कि कोविड19 के विश्वव्यापी प्रसार में चीन का बड़ा हाथ है और इस वजह से यूएस ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को भी नतीजे भुगतने की चेतावनी दी है. अब अलीबाबा पर प्रतिबंध की तैयारी चीनी कंपनियों के अमेरिका में कामकाज समेटने की इस कड़ी में दूसरे नंबर पर है. इन प्रतिबंधों के पीछे अमेरिका तर्क दे रहा है कि उसे अपने नागरिकों के निजी डाटा को लेकर चिंता है. चीनी कंपनियां दुनिया भर में इस आरोप का सामना कर रही हैं.
चीन पर आरोप लगता रहा है कि दूसरे देशों में कारोबार करते हुए नागरिकों के आंकड़ों का वह गैर व्यावसायिक इस्तेमाल कर रहा है. इस विषय पर अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से तनातनी चलती आ रही है.डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल में अमेरिकी-चीन के कारोबारी रिश्तों में आमूल-चूल बदलाव करने की योजना बनाई है. अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं, इसे लेकर भी वहां की घरेलू राजनीति का तापमान बढ़ गया है. चीन के साथ अमेरिका के कारोबारी और सामरिक रिश्ते कैसे हों, इस पर अमेरिकी जनता के बीच लगातार बहस हो रही है.