meerut। निजी अस्पतालों की मनमानी के सामने इन दिनों सिस्टम ने ही घुटने टेक दिए हैं। बुधवार को लिसाडी गेट थाना क्षेत्र स्थित एक निजी अस्पताल के कारनामें सुनकर आप भी दांतों तले उंगली दबा लेंगे। अस्पताल संचालक ने प्रसुता रोग विशेज्ञा के स्थान पर आया ने ही गर्भवति की डिलीवरी कर डाली। डिलीवरी के कुछ देर बाद ही नवजात की मौत हो गई। हैरतअंगेज बात ये है कि बिना किसी डिग्री के मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। साथ ही मोटी फीस भी वसूलने के लिए पूरे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।
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दरअसल लिसाडी गेट थाना क्षेत्र में जोहर नामक निजी अस्पताल है। बताया गया कि मंगलवार के एक गर्भवति महिला को डिलीवरी के लिए एडमिट किया गया, बुधवार को अस्पताल में उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया, जब महिला के परिजनों को अस्पताल प्रशासन ने कहा महिला को मरी हुई बच्ची पैदा हुई है। जब परिजनों ने पूछा कि किस डॅाक्टक ने डिलीवरी की है तो उनके होश उड़ गए। पूछताछ करने पर पता चला कि अस्पताल की आया ने ही महिला की डिलीवरी कर डाली। जिससे नवजात की मौत हो गई। बशर्मी की हद तब पार हो गई, जब डिलीवरी के तिमारदारों से 20 हजार रुपए भी मांगे गए। महिला के परिजनों व अस्पताल स्टाफ का काफी देर हंगामा चला। इसके बाद मृतक नवजात को गोद में लेकर महिला कमिश्नरी कार्यालय पहुंची और मीडिया को सारी जानकारी दी। महिला ने बताया कि 20 हाजर रूपये देने में असमर्थता जताई तो अस्पताल प्रशासन ने कहा कि 20 हजार रूपये देकर अपनी बेटी को ले जाना। कमिश्नरी चौराहे पर हाथ में नवजात का शव लेकर पहुंची नानी ने फूट-फूटकर अपनी व्यथा सुनाई। हालाकि घटना की न तो थाने में और न ही हेल्थ विभाग में कोई शिकायत लिखित में कोई शिकायत दी गई है। cmo राजकुमार चौधरी ने बताया कि मीडिया के माध्यम से ही मामला संज्ञान में आया है। मामले की जांच कराकर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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